अपने आपको पतित समझना सबसे गिरी हुई बात हैजैसा हम्म अपने बारे में सोचेंगे वैसा हम बनते जायंगे हमारे भीतर यह बात बहुत गहरे में बैठ गई है की हम कमजोर है , इसलिए हम सहारा खोजते रहते है हम सोचते है की किसी का सहारा मिल जाय तो शायद मई अपने जीवन में कुछ कर सकू आपने अपने भीतर उस शक्ति को विस्मित कर दिया जो जगत का निर्मार्ण कर सकती है आपने अपनी उर्जा को संकुचित कर लिया सारा ध्यान एस बात पर केन्द्रित कर दिया की कही से कुछ मिल जाय और मै बस उसका सहारा लेकर चल पडू अपनी जिमेदारी के दायरे को बहुत कम कर लिया जम दूसरो की कहरिया बारे गर्व से पड़ते है पर कहानी बनाने की नहीं सोचते है .
TRILOK CH. CHHABARA
जिस प्रकार जो पत्थर बिल्कुल दाग रहित होता है , वही हीरा कहलाता है , जरा सा भी दाग जो की नंगी आँखों से दिखता भी न हो तो भी हीरे की कीमत को कम कर देता है , उसी प्रकार डर का जरा सा भी अंश आत्मा शक्ति को कमजोर कर देता है , बहुत पुरषार्थ के बाद बहुत जीवन गुजरने के बाद हम निर्णय लेने के लायक बन पाते है , लेकिन छोटा सा भी डर उस शक्ति को शून्य कर देता है, इसलिए जीवन में कुछ पाना है , तो अपनी आत्मा को सच्चा हीरा बनाओ , डर का हल्का सा भी अंश उसमे न आ पाए, तब आप देख पाओगे की आपके भीतर ही कितनी बड़ी शक्ति का भंडार भरा पड़ा है.
डर में यह हिसाब मत लगाना की किससे डरना चाहिए और किससे नहीं डरना चाहिए सीधी सी बात है डर की वजह कोई भी हो, डर की वजह से किया गया हर कार्य गलत है चाहे वह नरक का डर हो या पाप का डर हो ,गुरु का डर हो या अपमान का डर हो , इस डर से कुछ करना की नहीं करूँगा, तो पाप लग जायेगा, यह सोच ही गलत है , वही कम आपकी आत्मा की आवाज से भीतर इच्छा से हो तो पुण्य है , किसी को इसलिए नमस्कार करना की नहीं करूँगा, तो नाराज हो जायेंगे, क्या इसमे कोई आनंद है ? जब कोई सामने आये और भीतर के भाव नमस्कार के लिए उमड़ पड़े तो उसमे आनंद है /
एक महिला का जन्मदिन था एक पार्टी आयोजित की गई पार्टी इसलिए आयोजित होने चाहिए थी की इस अवसर पर आनंद उत्सव मनाया जा सके पर शायद यहाँ उद्देश्य कुछ अलग था/ जान पहचान वालो में इज्जत का सवाल था / सबकी पार्टिया में जाते है हम नहीं करेंगे तो लोग क्या कहेंगे ? पार्टी का क्या निश्चय हुआ, जैसे घर में तनाव शुरू हो गया / हर बात में मतभेद / पति को कौन सी जगह पसंद है , तो पत्नी बोलती है, जन्मदिन मेरा है या आपका / मेरी पसंद की जगह होनी चाहिए / बच्चे कुछ और ही कह रहे है / हर बात में वही तनाव / खाने में क्या होगा ? किस किस को बुलाना है ? कार्यक्रम कैसे होगा ? यह सब तय करने में न जाने कितनी बार झगडा हुआ / पति मन ही मन बार - बार सोच रहा था , पता नहीं किसने यह जन्मदिन पार्टी का सिस्टम बनाया
जिन - जिन को बुलाया गया था, वहा भी कुछ कम नहीं था , क्या पहनना है , गिफ्ट क्या देना है ? मेरी बर्थ दे पर उसने यह दिया था / न जाने कितनी तरह की उलझने / किसी का पति शाम को जल्दी नहीं आ पाया , पत्नी तैयार होकर बैठ है और गुस्सा कर रही है / किसी को कोई जरुरी काम छुट जाने का तनाव /
आपनी इज्जत बनाकर रखने के लिए महिला के पति और बच्चो ने मिलकर एक कार उसको जन्मदिन पर तोहफे में दी / सब बड़ी ख़ुशी
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